Excerpts On God / First and Last Freedom
First and Last Freedom Read | Download
प्रश्न: ईश्वर को पाने का सरलतम मार्ग कौन सा है?प्रश्न: ईश्वर को पाने का सरलतम मार्ग कौन सा है? कृष्णमूर्ति: मुझे लगता है कि कोई सरल मार्ग नहीं है क्योंकि ईश्वर को पाना अत्यंत कठिन, अत्यधिक श्रमसाध्य बात है | ठहरे- ठहरे पानी पर शाम के लंबे साये थेठहरे- ठहरे पानी पर शाम के लंबे साये थे, और दिन ढलने के साथ नदी खामोश होती जा रही थी | मछलियाँ रह रह कर पानी की सतह से उछल आती थीं तथा बड़े-बड़े पक्षी विशाल वृक्षों पर अपने बसेरों की ओर लौट रहे थे | रजत-नील आकाश में एक भी मेघ नहीं था| सवारियों से भरी एक नाव नदी से गुज़री, वे लोग गा रहे थे और हाथों से ताल देते जा रहे थे; दूर से किसी गाय के रंभाने की आवाज़ आई | मुझे प्रतीत होता हैमुझे प्रतीत होता है कि मनुष्य शताब्दियों से शान्ति, मुक्ति तथा परमानन्द की उस स्तिथि को खोजता रहा है, जिसे वह ईश्वर कहता है | इसे उसने भिन्न- भिन्न नामों से और इतिहास के अलग-अलग कालखंडों में ढूँढा है; तथा स्पष्टतया कुछ ने ही उस महन शांति व मुक्ति के आँतरिक भाव को, उस अवस्था को पाया है, जिसे मनुष्य ईश्वर कहता रहा है | ईश्वर क्या है |प्रश्न: इससे पहले कि मनुष्य ईश्वर को जान सके, उसे पता तो होना चाहिए कि ईश्वर क्या है | आप ईश्वर को मनुष्य के स्तर पर लाए बिना ईश्वर की अवधारणा प्रस्तुत कैसे करेंगे? पहले-पहल क्या है?प्रश्न: क्या बिना मनुष्य से प्रेम किए कोई सत्य से प्रेम कर सकता है? बिना सत्य से प्रेम किए क्या कोई मनुष्य से प्रेम कर सकता है? पहले-पहल क्या है? तो हमें करना क्या होगा?मेरे विचार में कर्म की समस्या से हमारा गहरा सरोकार आवश्यक है | जब इतनी सारी समस्याएं हमारे सामने हैं--गरीबी, अधिक जनसंख्या, यंत्रों का असाधारण विकास, औद्योगीकरण, आतंरिक तथा बाह्य रूप से गिरावट का एहसास--तो हमें करना क्या होगा? व्यक्ति का सर्वोच्च महत्व हैव्यक्ति का सर्वोच्च महत्व है, भले ही समाज, धर्म और सरकार इस तथ्य को मान्यता नहीं देते | आप अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आप यथार्थ की विस्फोटक सर्जनात्मकता को लाने वाले एकमात्र साधन हैं | आप स्वयं ही वह वातावरण हैं जिसमें यथार्थ अस्तित्व में आ सकता है | लेकिन आप देख चुके हैं कि सभी सरकारें, सभी संगठित धर्म और समाज व्यक्ति के महत्व पर ज़ोर देते हुए भी व्यक्ति के मर्म, व्यक्ति की भावनाओं को मिटाने की कोशिश करते हैं, क्योंकि वे सामूहिक भावदशा, सामूहिक प्रतिक्रिया चाहते हैं | |